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मैं डंडा धारी हूँ ...[लघु कहानी ]

                                                                                                                           चित्र सौजन्य गूगल 
 कल चंदू के सपने में एक गोल चश्मा धारी वृद्ध व्यक्ति आये थे | कमर में घुटनों तक उनके धोती थी | एक घड़ी भी कमर में लटक रही थी | और उनके हाथो में एक डंडा था | चेहरे पर मुस्कान थी | वे चंदू को डंडा दिखाते हुए कहने लगे ,
‘’बेटा, हर खासों आम के सिने में ऐसा ही एक डंडा छिपा हुआ है | जो झूठ,गद्दारी,धोखेबाजी , लालची ,भ्रष्टाचारियों को देख पीटने लगता है | यह सच का डंडा है | इसे देख सब कोई सच ही बोलने लगते  है | ‘’
चंदू ने उस व्यक्ति से प्रश्न किया ,
‘’आप कौन है ? ‘’
उन्होंने कहा ,
‘’मैं डंडा धारी हूँ |

 झूठ –फरेब पर भारी हूँ | मेरा डंडा जब बोले सबकी पोल खोले | यह लो डंडा कल से इसे लेकर घुमाना |’’

कहते हुए व्यक्ति अदृश्य हो गये | और चंदू जब नींद से उठा तब उसके सिने से एक ही आवाज आई ...’’सत्यमेव जयते ‘’ |

डॉ.सुनील जाधव ,नांदेड 

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