चित्र सौजन्य गूगल
सभ्यता
का ओढ़े नकाब
करते
है प्रदर्शन
शालिनता,
शिष्टता, आदर्श का
प्रतिष्ठित
समझने वाले
स्वयं
को कुछ लोग
चमक-धमक
वाली
गंभीर
मुद्रा की टोकरी में
दोनों
हाथों से बटोरते है
वाह
वाही
क्रमश
एक के बाद एक
उज्वल
चमकदार सफाई के लिए
लेते
है सहारा वे
अक्सर
काले रंग का
बड़ी
ही सफाई से
अनिष्ठ
कार्य को देते हैं अंजाम
बड़े
जतन से खयाल
इस
बात का रखते है
छूटने
न पाये एक भी अवशेष संदेह का
प्राषण
कर मादक द्रव्यों का
कितना
अथक परिश्रम करते है वे लोग
सभ्य
समाज में
सभ्य
चेहरों के सम्मुख
सभ्य
नकाब पहने
सभ्यता
की बातें करते है
कुछ
सभ्य लोग
हथेली
पर लगे काले धब्बों को
छिपाते
हुए मिलाते है हाथ
एक
दूसरें की
भूरी-भूरी
प्रशंसा में
बिताते
है दिन और काली-सी रात |
डॉ.सुनील जाधव ,नांदेड
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