नव साहित्यकार में अतिथि मेहमानों का स्वागत हैं | नव साहित्यकार में छपी सारी सामग्री का सर्वाधिकार सुरक्षित हैं | डॉ.सुनील जाधव ,नांदेड [महाराष्ट्र]|mobile-०९४०५३८४६७२ या इस मेल पर सम्पर्क करें -suniljadhavheronu10@gmail.com

माँ

 चित्र गूगल  सौजन्य 

माँ तो माँ होती है
किसी भी उम्र में
सारा जहान होती है
धरा पर ईश्वर का स्थान होती है !

कोई इसके जाने के बाद भरपाई करें
यह मुमकिन नहीं
लाख मन को भरमा ले
माँ आखीर माँ होती है !

बचपन की जिंदगानी में
बहुत की थी नादानियाँ
माँ ने सब मुस्का के झेला
कहा कच्ची उम्र का तकाजा है |

आज दिल भारी है
जीवन के तीसरे पड़ाव पर
फिर वह दिन है ,
जब माँ ने दम तोडा
लिया कान्हा ने जन्म
आँख नम है,
दिल में उमंग हैं ...
माँ आखीर माँ होती है !










चंद्रशेखर जैस्वाल,नांदेड 

टिप्पणियाँ