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खिल-खिल
हँसते और हँसाते फूल
फूल धरा का शृंगार
इनके अनगिनत नाम
प्रकार
हृदय इन का उदार
फूल सभी को करते
प्यार
कभी न मुह बनाते फूल
मंद-मंद मुस्काते
फूल
करके फूलों का
मधुपान
भौरे गुन-गन करते
गान
फूलों की मधुरम
मुस्कान
लगती है अमृत समान
सबका मन बहलाते फूल
प्यार सभी का पाते
फूल
क्षण भंगुर जीवन को
जान
फूल न करते मन मलान
परहित करता जीवन दान
मानव का सच्चा
उत्थान
करके यही दिखाते फूल
जीवन धन्य बानाते
फूल |
कु.रामेश्वरी घुगे
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