तिथि
३०/०९/१३,नांदेड,
यशवंत महाविद्यालय के हिंदी विभाग तथा
हिंदी साहित्य परिषद के तत्वावधान में ‘हिंदी माह’ के अवसर पर तिथि ३०/०९/१३ को
महाविद्यालय में हिंदी छात्र मंडल का उद्घाटन एवं ‘’प्रयास ३ ‘’ भित्ति पत्र का प्रो.डॉ.रेणुका
मोरे जी के कर कमलो द्वारा स्वा.रा.ती.विश्वविद्यालय के कला संकाय के अधिष्ठाता
प्रो.डॉ.अजय टेगसे जी तथा डॉ.प्रो.व्ही.सी.ठाकुर,
डॉ.सुनील जाधव, डॉ.किरणबाला जाजू, डॉ.कविता सोनकाम्बले, डॉ.प्रो.शंकर विभुते, डॉ.मीरा फड, प्रो.आराधना द्वने, प्रो.डॉ.ज्योति मुंगल, प्रो.शिला कर्हाले आदि की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ |
डॉ.सुनील जाधव, डॉ.किरणबाला जाजू, डॉ.कविता सोनकाम्बले, डॉ.प्रो.शंकर विभुते, डॉ.मीरा फड, प्रो.आराधना द्वने, प्रो.डॉ.ज्योति मुंगल, प्रो.शिला कर्हाले आदि की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ |
कार्यक्रम का आरम्भ छात्र योगेश
गच्चे के स्वागत गीत से हुआ | प्रतिमा पूजन तथा स्वागत सत्कार के रूप में पुष्प,
शाल, गुलाब के पौधा द्वारा किया गया | कार्यक्रम की भूमिका प्रो. आराधना द्वने जी
ने तो परिचय छात्र हिदायत मोगल ने दिया | तत्पश्चात कार्यक्रम के उद्घाटक
डॉ.रेणुका मोरे जी ने ‘’साहित्य कल, आज और कल’’ इस विषय पर आपना सारगर्भित एवं
सटीक वक्तव्य रखते हुए
उन्होंने हिंदी के अतीत, वर्तमान तथा भविष्य के हिंदी साहित्य पर प्रकाश डाला | ‘’ साहित्य वर्तमान काल का प्रतिबिंब प्रस्तुत करता है | और हर आने वाले समय में साहित्य समाज की परिभाषा करता है |’’ साथ ही उन्होंने हिंदी को विश्व भाषा कैसे बनाया जा सकता है, इस पर भी अपने विचार रखे |
उन्होंने हिंदी के अतीत, वर्तमान तथा भविष्य के हिंदी साहित्य पर प्रकाश डाला | ‘’ साहित्य वर्तमान काल का प्रतिबिंब प्रस्तुत करता है | और हर आने वाले समय में साहित्य समाज की परिभाषा करता है |’’ साथ ही उन्होंने हिंदी को विश्व भाषा कैसे बनाया जा सकता है, इस पर भी अपने विचार रखे |
प्रो.डॉ.अजय टेगसे जी ने भाषा की
समानता को लेकर हिंदी, मराठी, अंग्रेजी भाषा को समान बताते हुए भाषा के महत्व का
प्रतिपादन किया | आप के हाथों महाविद्यालय के प्रो.डॉ.वर्ताले जी तथा हिंदी विभाग
के कवियों के कविता संकलन ‘’ रौशनी की ओर बढ़ते कदम’’ का विमोचन किया गया |
अध्यक्षीय भाषण में विभाग के प्रो.डॉ.व्ही.सी.ठाकुर जी ने अध्यापकों एवं छात्रों
के सम्बन्धों को सुकरात तथा अरस्तु जैसा होना चाहिए बताया |
छात्र मंडल के अध्यक्ष के रूप में
चन्द्रशेखर जैस्वाल, उपाध्यक्ष रानी गिरी, सचिव अम्बादास रेड्डी, सहसचिव सुयश
नेत्रगावकर, सदस्य कु.मनीषा दुथडे, कु.आशा जाधव, कु.ज्ञानेश्वरी येरमवार, कु.गीता
राठोड, परमेश्वर काम्बले के रूप में चयन किया गया था | ‘’प्रयास ३’’ के सम्पादक
अम्बादास रेड्डी, उपसम्पादक सुयश नेत्रगावकर थे | सूत्र संचालन रानी गिरी तथा आशीष
उम्रजकर कर ने किया | आभार चन्द्रशेखर जैस्वाल ने किया |
कार्यक्रम में प्रो.डॉ.अजय टेगसे,
प्रो.डॉ.संभाजी वर्ताले जी का विभाग की ओर से शाल, पुष्प, गुलाब पुष्प के पौधे
द्वारा किया गया तथा नॉन टीचिंग के भोसले जिन्हें विश्वविद्याल से उत्कृष्ट
कर्मचारी का पुरस्कार प्राप्त हुआ उनका भी सत्कार किया गया |
डॉ.सुनील जाधव,नांदेड
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