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ब्लॉग लेखन/ चिठ्ठा लेखन: डॉ.सुनील जाधव भाग-२

 २००४ से लेकर २०१४ तक के ब्लॉग लेखन पर यदि हम नजर दौडायें, तो ब्लॉग लेखन एक वैश्विक मंच बनकर उभर कर आ रहा हैं | आज जो अंतर्जाल को जानता हैं | औसतन सौ में से बीस लोग ब्लॉग से जुड़े हुए नजर आते हैं | जो निरतर ब्लॉग लेखन में अपना योगदान कर रहे हैं | हर रोज ब्लॉग लेखन की समृध्दी बढ़ते जा रही हैं | कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक साहित्य की प्रत्येक विधा का प्रस्तुतिकरण एवं अभ्यास होता हुआ देखा जा सकता हैं | ब्लॉग लेखन को लेकर आज कई विद्वानों ने पुस्तकों का लेखन किया हैं | ब्लॉग की लोकप्रियता के चलते, आज बाजार में ब्लॉग लेखन, सृजन आदि से सम्बन्धी पुस्तक बाजार में कदम रखते ही हाथों-हाथ बिकते हुए नजर आ रही हैं | जिनमें १ हिन्दी ब्लोगिंग का इतिहासलेखक-रवीन्द्र प्रभातप्रकाशक-हिन्दी साहित्य निकेतनबिजनौरभारतवर्ष- 2011, पृष्ठ - 180, ISBN 978-93-80916-14-9   हिन्दी ब्लोगिंग: अभिव्यक्ति की नई क्रान्तिसंपादक : अविनाश वाचस्‍पति/रवीन्द्र प्रभातप्रकाशक: हिन्दी साहित्य निकेतनबिजनौरभारतप्रकाशन वर्ष : 2011, पृष्ठ : 376,ISBN 978-93-80916-05-7 ३. ब्‍लॉग चर्चा : उदय प्रकाश का ब्‍लॉगलेखिका: मनीषा पांडेयप्रकाशक: वेबदुनिया हिन्दी जैसी किताबों का नाम लिया जा सकता हैं |
१.ब्लॉग के प्रकार :-
शैक्षिक ब्लॉग
मनोरंजन ब्लॉग
व्यवसाहिक ब्लॉग
वयक्तिक ब्लॉग
पत्र-पत्रिकाओं के ब्लॉग
विज्ञापन ब्लॉग



२.ब्लॉग सामग्री :-
गुणवत्ता
विश्वसनीयता
प्रभावशालिता
अभिव्यक्ति की शैली

             ब्लॉग लेखन की सामग्री एवं ब्लॉग लेखक की गुणवत्ता उसकी श्रेष्ठता साबित करती हैं | ब्लॉग लेखक जितना गुणवान, प्रतिभावान, ज्ञान सम्पन्न, बहुज्ञ, अद्यतन संगणक, अंतर्जाल एप्लीकेशन की जानकारी रखने वाला होना उसका ब्लॉग उतना ही प्रभावशाली एवं असरकारक होगा |तथा वह प्रसिध्दी के शिखर पर बड़ी सरलता से पहुँच जाएगा | ब्लॉग लेखन में ब्लॉग लेखक का तटस्थ होना जरुरी होता हैं | पूर्वग्रह दूषित ब्लॉग लेखक या सामग्री विश्वनीयता खो बैठती है | पाठकों का रुझान वहाँ से कम हो जाता हैं |

३.ब्लॉग लेखन के अंग :-
लेखक
विषय
अभिव्यक्ति
पाठकतक पहुँचाना

               ब्लॉग लेखन की सामग्री कई प्रकार की हो सकती हैं | कला, साहित्य, विज्ञान, गणित, उद्योग, व्यवसाय, विज्ञापन आदि | जब वह शोध पूर्ण अचूक कलात्मक रूप से ब्लॉग में प्रस्तुत होता है | तब वह अपने उद्देश्य की सफलता प्राप्त कर सकता हैं | ब्लॉग लेखन में लेखक, विषय और अभिव्यक्ति तीन मुख्य आधारस्तम्भ होते हैं | लेखक का बहुज्ञ, ज्ञानवान होना पहली शर्त होती हैं | तो दूसरी ब्लॉग में अप्रस्तुत किया जाने वाला विषय | विषय की सशक्तता ब्लॉग लेखक की गरिमा में वृद्धी करता हैं | यहाँ मात्र विषय की सशक्तता से ही काम नहीं बनता अपितु उसकी अभिव्यक्ति की शैली कैसी हैं | उस पर भी उसकी प्रभावशालिता, लोकप्रियता भी जुडी होती हैं | अंतमें ब्लॉग को पाठक तक पहुँचाना भी एक महत्वपूर्ण अंग होता हैं | ब्लॉग जितना पाठकों तक पहुँचेगा उसकी सफलता एवं विफलता निर्भर करेगा |

४.ब्लॉग लेखक के गुण :-
बहुज्ञता :- ब्लॉग लेखक का बहुज्ञ होना, ब्लॉग के स्तर को बढ़ाता हैं | समाजनीति, राजनीति, धर्मनीति, अर्थनीति, अंतरिक्ष, अंतर्जाल, विज्ञान, गणित आदि का कम से कम सामान्य ज्ञान हो |
ज्ञानसम्पन्नता :
तटस्थता : ब्लॉग लेखक अपने विचारों को प्रस्तुत करते समय यदि वह अपने विचारों में तटस्थता रखता है |                 यह उसे प्रतिमा को ऊँचा करने वाला कदम होगा |
अद्यतन जानकारी :- ब्लॉग लेखक को अद्यवत जानकारी रखना चाहिए | ताकि वह प्रत्येक विषय के साथ न्याय दे सके |
विषय में पारंगता : ब्लॉग लेख जिस लेख को प्रस्तुत कर रहा हैं | उसमें उसका परांगत होना आवश्यक होता है | 
सदभाव :  इस सन्दर्भ में हिंदी ब्लॉग आलोचक और इतिहासकार रविन्द्र प्रभात का कथन उल्लेखनीय है,



‘’ ...हर ब्लोगर की अपनी एक अलग पहचान है, कोई साहित्यकार है तो कोई पत्रकार कोई समाजसेवी है तो कोई संस्कृतिकर्मी, कोई कार्टूनिस्ट है तो कोई कलाकार | हर ब्लोगर के सोचने का अपना एक अलग अंदाज है, एक अलग ढंग है  प्रस्तुत करने का | आलग-अलग नियम है, अलग-अलग चलन किन्तु फिर भी एक सद्भाव है जो आपस में सभी को जोड़ता है |’’

५.ब्लॉग लेखन की पद्धतियाँ :-

१.पद्यात्मक :- कविता, ग़जल, दोहा, मुक्तक |
२.गद्यात्मक :- कहानी, व्यंग्य, लघु कथा, उपन्यास आदि |
३.आलोचनात्मक : लेख, आलेख, व्यंग्यात्मक , व्यावहारिक, भावात्मक, वर्णनात्मक, विवरणात्मक आदि |

६.ब्लॉग आलोचना :- हिंदी ब्लॉग लेखन के साथ यदि हम ब्लॉग आलोचना का अध्ययन करते है तो ज्ञात होगा कि आलोचना के ही कारण ब्लॉग लेखन, ब्लॉग की जानकारी का चिठ्ठा एकमुश्त रूप में मिलने लगा | अंतर्जाल पर ब्लॉग आलोचना के संदर्भ में खोज करते समय विकिपीडिया पर इससे जुडी जानकारी प्राप्त हुई जिसे उसी स्तिथि में यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है | ‘’ हालांकि हिन्दी चिट्ठों की आलोचना की शुरुआत वर्ष-2007 में हुईजब रवीन्द्र प्रभात ने चिट्ठाकारी में एक नया प्रयोग प्रारम्भ किया और ब्लॉग विश्लेषण’ के द्वारा ब्लॉग जगत में बिखरे अनमोल मोतियों से पाठकों को परिचित करने का बीड़ा उठाया। 2007 में पद्यात्मभक रूप में प्रारम्भ‍ हुई यह कड़ी 2008 में गद्यात्मचक हो चली और 11 खंडों के रूप में सामने आई। वर्ष 2009 में उन्होंने इस विश्ले्षण को और ज्या़दा व्यापक रूप प्रदान किया और विभिन्न प्रकार के वर्गीकरणों के द्वारा 25 खण्डों में एक वर्ष के दौरान लिखे जाने वाले प्रमुख चिट्ठों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। इसी प्रकार वर्ष 2010 में भी यह अनुष्ठान उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ संपन्न किया और 21 कडियों में तथा 2011 और 2012 में 25 खंडों में ब्‍लॉग जगत की वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्‍तुत करके एक तरह से ब्‍लॉग आलोचना कर्म और इतिहास लेखन का सूत्रपात किया। ब्लॉग जगत की सकारात्मक प्रवृत्तियों को रेखांकित करने के उद्देश्य से अभी तक जितने भी प्रयास किये गये हैंउनमें ब्लॉगोत्सव एक अहम प्रयोग है। अपनी मौलिक सोच के द्वारा रवीन्द्र प्रभात ने इस आयोजन के माध्यम से पहली बार चिट्ठा जगत के लगभग सभी प्रमुख रचनाकारों को एक मंच पर प्रस्तुत किया और गैर ब्लॉगर रचनाकारों को भी इससे जोड़कर समाज में एक सकारात्मीक संदेश का प्रसार किया। इनके द्वारा प्रत्येक वर्ष 51 चिट्ठाकारों का सारस्वत सम्मान परिकल्पना सम्मान के नाम से किया जाता है।‘’ [ हिंदी चिठ्ठाजगत –विकिपीडिया ]




७.ब्लॉग का महत्व :-

            आज सम्पूर्ण विश्व मनुष्य की आधुनिक हाथेली पर आ गया हैं | पलक झपकते ही वह विश्व का भ्रमण कर सकता हैं | ब्रम्हांड की जानकारी प्राप्त कर सकता हैं | साथ ही अपने अनुभव, जानकारी, विचार को प्रस्तुत कर सकता हैं | संगणक, मोबाईल, लैपटॉप, आईपॉड, ट्याब आदि पर अंतर्जाल ने सबकुछ सुविधा जनक बना दिया हैं | एक बटन दबाते ही विश्व के अनंत कोष से इच्छित वस्तु की जानकारी सहजता से घर बैठे प्राप्त हो सकती हैं | समाचार पत्र, पत्रिकाओं, वेब साईट ने भी जानकारी का खजाना हमारे सम्मुख खोल दिया हैं | अंतर्जाल की सबसे श्रेष्ठ खोजों में ब्लॉग, चिठ्ठा जगत की खोज ने वैक्तिक मीडिया में क्रन्तिकारी कदम रख दिया हैं | जहाँ हम अपने विचारों,भावनों के साथ साहित्य से जुडी सामग्री को भी प्रस्तुत कर सकते हैं | कई कवि, लेखकों के लिए यह आसान और विश्व के कोने-कोने में पहुँचने वाला मंच मिल गया हैं | ब्लॉग अभिव्यक्ति का वह मंच हैं, जो अपनी बात, विचार, संदेशों को कलात्मक ढंग से शीघ्रता से [ पलक झपकते ही ]  पाठकों तक बेरोक-टोक पहुँचाता हैं | जो यश प्राप्ति के साथ धन की भी प्राप्ति का साधन बनता जा रहा हैं | आजकल तो बहुत से लोग ब्लॉग लेखन का प्रयोग व्यावसायिक तौर पर करते हुए नजर आते हैं |

डॉ.सुनील जाधव
नांदेड,महाराष्ट्र
०९४०५३८४६७२
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