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यशवंत में हिंदी साहित्य परिषद का उद्घाटन समारोह सम्पन्न हुआ

वक्ता -डॉ.विष्णु सरोदे, उपप्राचार्य सांवत,
हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.विजयसिंह ठाकुर, संयोजक डॉ.सुनील जाधव
 


भित्ति पत्र विमोचन 









            नांदेड़:- हिंदी विभाग, यशवंत महाविद्यालय द्वारा हिंदी साहित्य परिषद का उद्घाटन समारोह सम्पन्न हुआ | इस वक्त मंच पर अतिथि एवं उद्घाटक रूप में हैद्राबाद विश्वविद्यालय से पधारे प्रो.डॉ.विष्णु सरोदे, उपप्राचार्य सावंत, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.विजयसिंह ठाकुर, कार्यक्रम के संयोजक डॉ.सुनील जाधव उपस्थित थे |
कार्यक्रम स्थल 
हिंदी साहित्य परिषद का उद्घाटन प्रसंग में बोलते हुए सरोदे जी ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि,
जिसके पास कला हैं, वह मिटटी भी बेच सकता हैं और जिसके पास कला नहीं वह सोना भी नहीं बेच सकता | इसके लिए बोलने की कला सबसे जरूरी हैं | लेकिन जब हम भाषा सीखते हैं, तब भाषा शुद्ध होनी चाहिये | भाषा अगर शुद्ध नहीं हैं, तो आप अपने जीवन में असफल हो | किताबे पढने से भाषा का प्रभुत्व बढ़ेगा | आज हम प्रत्येक प्रान्त की प्रत्येक क्षेत्र में भाषा को खत्म करते जा रहे हैं |
अंत में अध्यक्षीय समारोप करते समय डॉ.विजयसिंह ठाकुर ने अतिथि के आभार माने और छात्रों के परिश्रम को बधाई दी | और काव्यमय समापन किया |
मुख्य सूत्र संचलन शिवकन्या आगलावे और इम्रान पठान तो पुरस्कार वितरण का संचलन नुपुर मेश्राम, साक्षी मुजळगे ने किया | कार्यक्रम का आरंभ प्रतिमा पूजन एवं विनश्री के स्वागत गीत से हुआ | तो कार्यक्रम की भूमिका हिंदी विभाग के डॉ.सुनील जाधव ने काव्यमय शैली में प्रस्तुत की | और हिंदी साहित्य परिषद के उद्देश्यों से अवगत करवाते हुये, छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में निर्माण की सूचना दी । हिंदी साहित्य परिषद के छात्रों के स्वागत के बाद अंजली जाधव आदि छात्रों ने अपना मनोगत रखा | तो आभार अंजली जाधव ने ही प्रकट किया | अंत में डॉ.सुनील जाधव के मार्गदर्शन में जयश्री वाठोरे, प्रियंका गायकवाड, शिवकन्या पड़ोले द्वारा सम्पादित प्रयास-15 इस भित्ति पत्र का विमोचन अतिथि के करकमलों द्वारा किया गया |
कार्यक्रम की सफलता में हिंदी साहित्य परिषद के अध्यक्ष संदीप कलासरे, जयश्री वाठोरे, प्रियंका गायकवाड, अंजली जाधव, शिवंकन्या पड़ोले आदि छात्रों ने परिश्रम लिया

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