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हिंदी को ई-प्रोद्योगिकी की भाषा बनाना होगा-डॉ.सुनील जाधव

14 सितम्बर 2020 ‘हिंदी दिवस’ को भारतीय कोंसलावास व सहयोगी संस्थाओं के साहचर्य में ‘अखिल विश्व हिन्दी समितिटोरोंटोकनाडा द्वारा ४० साहित्यकारों  द्वारा प्रात: 10 से अपरान्ह २ बजे तक एक भव्य ई- विश्व हिन्दी साहित्य सम्मेलन का आयोजन हुआ। नांदेड़ के हिंदी साहित्यकार डॉ.सुनील जाधव के साथ मुख्य अतिथि सम्माननीया भारतीय कोंसलाधीश अपूर्वा श्रीवास्तव जी थीं। अध्यक्ष डॉ दाऊजी गुप्ता थे व उपाध्यक्ष थे डॉ. भारतेन्दु श्रीवास्तव व डॉ. श्रीभगवान शर्मा।डॉ. वेद प्रकाश गौड़डॉ. युवराज सिंह ‘युवा’इत्यादि विशिष्ट अतिथि थे। आयोजक व संचालक थे श्री गोपाल बघेल ‘मधु’।

                डॉ.सुनील जाधव ने काव्यमय प्रस्तुति देते हुए कहा, देश को यदि आर्थिक महासत्ता बनाना हैं तो हमें हिंदी या भारतीय भाषा को ई-प्रोद्योगिकी की भाषा के रूप में स्वीकार करना होगा | आज जापान, चीन, इजराइल जैसे देश को आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत क्यों हैं ? क्योंकि इन्होने किसी विदेशी भाषा को अपने देश की प्रोद्योगि और ई प्रोद्योगिकी भाषा बनने नहीं दिया |



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