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बाजार में मिडिया अनुसंधान कर्ता की बढ़ती माँग- डॉ.सुनील जाधव



 AIHSHW विश्वविद्यालय, कोइम्बतुर, तमिलनाडु के हिंदी विभाग द्वारा 16 जनवरी से 18 जनवरी तक ‘रिसर्च एथिक्स’ इस विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रिय वेबिनार का आयोजन किया गया था | भारत के विभिन्न प्रान्तों से आमंत्रित विशेषज्ञों में महाराष्ट्र नांदेड़ से डॉ.सुनील जाधव को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था | इस वक्त कुलपति प्रो.एस.पी.त्यागराजन, उपकुलपति डॉ.प्रेमाव्ति विजयन, आयोजक डॉ.जी.शंथी, डॉ.शोभना, डॉ.शशि आदि उपस्थित थे |

आप ने अबतक के नये विषय ‘मिडिया अनुसन्धान’ इस विषय पर विस्तार से अपनी बात रखते हुए कहा, “मिडिया अनुसन्धान वह शोध विधि या पद्धति हैं, जो मिडिया से सम्बन्धित विषयों का मुल्यांकन करता हैं। आज के बाजारीकरण के युग में मिडिया अनुसन्धान का महत्व और भी बढ़ गया हैं। प्रत्येक क्षेत्र में मिडिया अनुसन्धान और अनुसन्धानकर्ताओं की लगातार माँग बढ़ते जा रही हैं। मुद्रण, टेलीविजन, रेडियो, विज्ञापन, मार्केटिंग आदि का सभी दारोमदार अर्थ पर निर्भर होता हैं। इसी के वृद्धि के लिए उन्हें हजारों अच्छे अनुसंधानकर्ताओं की आवश्यकता हैं। साथ ही समाज की विभिन्न समस्याओं, चुनाव आदि विषयों को सुलझाने का कार्य मिडिया अनुसन्धान करता है। यही कारण है कि यह मिडिया अनुसन्धान पाठ्यक्रम और गोष्टी का महत्वपूर्ण विषय बन चूका हैं।“





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