श्री शारदा भवन
एज्युकेशन सोसाइटी संचालित यशवंत महाविद्यालय, नांदेड़ महाराष्ट्र के हिंदी लेखक डॉ.सुनील
जाधव जी को उत्तर प्रदेश में गूगल मिट के आभासी मंच पर फरीदाबाद के अध्यापक शिक्षा
संस्थान में विद्वत व्याख्याता के रूप में आमन्त्रित किया गया था | इस वक्त
संस्थान के प्राचार्य सुनीता अरोड़ा एवं उप प्राचार्य गरिमा भाटी उपस्थित थी|
व्याख्यान देते हुए डॉ. जाधव जी ने कहा, मानव तथा समाज कल्याण के लिए समाज अच्छी बातों को व्यक्ति के आचरण के जरिये ठोक-बजाकर स्वीकृत करता हैं | तब वह मूल्य कहलाता हैं | प्राचीन काल से अब तक कई मूल्य हमने लिखित और अलिखित रूप में स्वीकृत किए हैं | समय के साथ मूल्य अपडेट होते जाते हैं |आगे मूल्यों पर विस्तार से बात करते हुए कहा, शिक्षकों का जीवन उसका अपना जीवन नहीं होता, वह राष्ट्र का हो जाता हैं | इसीलिए उसे दायरे के बाहर जाकर अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए |
अध्यक्षीय समारोप प्राचार्य सुनीता अरोड़ा जी ने करते हुए अध्यापकों को मूल्य
आचरण में लाने वाली बात का समर्थ किया तो वहीं उप प्राचार्य गरिमा भाटी जी ने
सूत्र संचलन एवं आभार का कार्य सम्हाला. तो छात्र कुणाल ने विद्वत प्रश्नों के साथ
वक्ता के चर्चा की | इस वक्त संस्थान के छात्र भारी मात्रा में उपस्थित थे |
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