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साहित्य मानवीय मूल्य से युक्त हैं एवं उसमें रोजगार के अनंत अवसर हैं – प्रो.डॉ.संतोष येरावार


9 अगस्त,२०२३ 


पूर्व उपकुलपति एवं यशवंत महाविद्यालय के प्रधान आचार्य प्रो.डॉ.गणेशचन्द्र शिंदे जी की प्रेरणा से हिंदी विभाग द्वारा आयोजित सत्रारम्भ, पाठ्यक्रम परिचर्चा के अवसर पर विशेष वक्ता के रूप में आमंत्रित थे , स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विश्वविद्यालय के हिंदी अध्ययन मंडल के सदस्य एवं देगलूर माहविद्यालय, देगलूर के हिंदी विभाग प्रमुख प्रो.डॉ.संतोष येरावार | आप ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में रोजगार के अवसर इस विषय पर बोलते हुए, साहित्य, रोजगार एवं पाठ्यक्रम पर विस्तार से अपनी बात रखीं | आप ने साहित्य को मानवीय मूल्यों से भरा, आत्म विकास, समाज विकास, राष्ट्र विकास करने वाला बताया तो वहीं निजी एवं सरकारी क्षेत्र में स्थित रोजगारों की जानकारी छात्रों को दी |



कार्यक्रम का आरम्भ कु.सलोनी के स्वागत गीत से हुआ तो  महाविद्यालय के उप प्रधान आचार्य प्रो.डॉ.कविता सोनकाम्बले जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के समापन पर ली जानेवाली शपथ ‘अपनी माटी अपना देश’ के अंतर्गत छात्रों को दिलवाई | और अंत में ऊर्जा से भरा हुआ काव्यमयी अध्यक्षीय समापन किया |  तो वहीं महाविद्यालय एवं हिंदी विभाग का परिचय प्रस्तुत करनेवाली भूमिका हिंदी विभाग प्रमुख संदीप पाइकराव ने छात्रों के सम्मुख रखी | कार्यक्रम का संचालन डॉ.सुनील जाधव ने तो आभार डॉ.साईनाथ शाहू ने व्यक्त किया | तो कु.अंशिका सिंग, कु.लायबा जुबैरी आदि छात्रों ने कार्यक्रम की सफलता में सक्रीय योगदान दिया | तथा कला, वाणिज्य, विज्ञान के छात्रों के साथ विभाग के डॉ.विद्या सावते उपस्थित रहें |

 



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