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यशवंत कॉलेज की हिन्दी साहित्य परिषद का उद्घाटन समारोह संपन्न संवेदना से रिश्ते मजबूत होते हैं – साहित्यकार धन्यकुमार बिराजदार

 

यशवंत कॉलेज की हिन्दी साहित्य परिषद का

 उद्घाटन समारोह संपन्न

संवेदना से रिश्ते मजबूत होते हैं – साहित्यकार धन्यकुमार बिराजदार

 

11 अक्टूबर,2025 

नांदेड़। हाल ही में पूर्व प्रति कुलपति, प्राचार्य गणेशचंद्र शिंदे जी के मार्गदर्शन में, यशवंत महाविद्यालय के हिन्दी विभाग में शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए नूतन गठित हिन्दी साहित्य परिषद का उद्घाटन समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सोलापूर के सुप्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार धन्यकुमार बिराजदार ने समारोह के उद्घाटक के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर वक्ता ने रिश्तों में संवेदना के महत्व पर बल देते हुए कहा, "संवेदना से रिश्ते मजबूत होते हैं।" उन्होंने वर्तमान दौर में रिश्तों में आ रही खटास पर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि कैसे संवेदनशीलता संबंधों को प्रगाढ़ बनाती है। साहित्यकार बिराजदार ने अपनी कविताओं से समा बांधा और साहित्य के विभिन्न उदाहरणों से रिश्तों में संवेदनशीलता के महत्व को उजागर किया। साथ ही उन्होंने छात्रों को हिन्दी भाषा से मिलने वाले रोजगार के अवसरों से भी अवगत कराया।

भित्ति पत्रिका का विमोचन: डॉ. सुनील जाधव के मार्गदर्शन में छात्रों द्वारा निर्मित कविताओं की भित्ति पत्रिका रिश्ते एक अटूट बंधन’ का विमोचन उद्घाटक के हाथों हुआ।

नाटक का मंचन: डॉ. सुनील जाधव द्वारा लिखित हास्य-व्यंग्य एकांकी नाटक वो मेरे लिए गाते नहीं!’ का छात्रों द्वारा प्रभावी मंचन किया गया। 

साहित्यकार की सराहना: वक्ता ने ‘रिश्ते एक अटूट बंधन’ और नाटक के माध्यम से रिश्ते और संवेदना जैसे महत्वपूर्ण विषयों की प्रस्तुति देखकर महाविद्यालय के छात्रों की प्रतिभा की जमकर सराहना की।

समारोह में कई प्रतिभाशाली छात्रों को सम्मानित भी किया गया| हिन्दी साहित्य परिषद के छात्रों को गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया। नाटक में अभिनय करने वाले छात्रों को वक्ता के हाथों प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। राजभाषा विभाग स्वर्ण जयंती हिन्दी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता - 2025 में उत्कृष्टता प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले सहभागी छात्रों का सम्मान हुआ। रील तथा फोटो कैप्चर प्रतियोगिता के विजेता छात्रों को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। परिषद की अध्यक्षा कु. कोमल कागदेवाड़ ने गेय कविता प्रस्तुत कर श्रोताओं का दिल जीत लिया।

हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संदीप पाईकराव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्षीय समारोप किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में न केवल हिन्दी साहित्य परिषद के नूतन गठन पर प्रसन्नता व्यक्त की, बल्कि छात्रों की रचनात्मक प्रस्तुतियों (भित्ति पत्रिका और एकांकी नाटक) की सराहना भी की। डॉ. पाईकराव ने परिषद के भावी कार्यक्रमों के लिए शुभकामनाएँ देते हुए विभाग की ओर से निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया, जिससे छात्रों में उत्साह का संचार हुआ। कार्यक्रम का औपचारिक आभार प्रदर्शन डॉ. साईनाथ शाहु ने किया। उन्होंने उद्घाटक साहित्यकार धन्यकुमार बिराजदार का अमूल्य मार्गदर्शन देने के लिए हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पूर्व प्रति कुलपति प्राचार्य गणेशचंद्र शिंदे जी के मार्गदर्शन, सभी प्राध्यापकों के सहयोग, पुरस्कार विजेता छात्रों और समस्त श्रोताओं की उपस्थिति के लिए भी आभार व्यक्त किया, जिनके सक्रिय सहयोग से समारोह को भव्यता मिली।डॉ. सुनील जाधव ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए हिन्दी साहित्य परिषद के उद्देश्यों और इस समारोह के महत्व को विस्तार से समझाया। डॉ. विद्या सावते ने उद्घाटक साहित्यकार धन्यकुमार बिराजदार का विस्तृत और सम्मानपूर्ण परिचय दिया, जिससे श्रोताओं को वक्ता के साहित्य और कृतित्व की गहराई से जानकारी मिली। कु. सलोनी खंदारे ने मधुर और गेय स्वागत गीत प्रस्तुत कर आरंभ में ही पूरे वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह भर दिया। सूत्र संचालन: पूरे कार्यक्रम का कुशल और प्रभावी सूत्र संचालन मनोरमा राठोड एवं सुचिता इंगोले ने किया। उन्होंने समय प्रबंधन, प्रस्तुतियों के बीच तालमेल और सहज संवाद स्थापित करते हुए समारोह को अत्यंत व्यवस्थित और रोचक बनाए रखा।

इस भव्य और सफल आयोजन के पीछे हिन्दी विभाग के सभी प्राध्यापकों और हिन्दी साहित्य परिषद के उत्साही सदस्यों का अथक परिश्रम और सामूहिक समर्पण रहा। उनके एकजुट प्रयासों से ही यह समारोह न केवल सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, बल्कि एक प्रेरणादायक और यादगार साहित्यिक आयोजन भी बन सका।

हिन्दी साहित्य परिषद : कु.कोमल कागदेवाड़ (अध्यक्ष),कु. दिव्या थोबाळे (उपाध्यक्ष), कु.वैष्णवी मंदेवाड़(सचिव), कु. सुचिता इंगोले (सह सचिव),कु. कल्याणी चंदेल(कोषाध्यक्ष), कु. आराधना थोरात, ठाकूर दुरगेश, कु. मनोरमा राठोड़, कु. तेजस्विनी जाधव, अवधूत गायकवाड, निखिल सोनकाबले, कु. सलोनी कंधारे,कु. इफ्रा शेख,कु. विद्या कदम,आशीष नरवाडे,कु. समृद्धि कुलकर्णी,कु. नेहा चव्हाण,साहेबराव पवार,शेख अल्तमस, कु. अंजली सूर्यवंशी|

नाटक में सहभागी कलाकार - कु. कोमल कागदेवाड़,कु. दिव्या थोबाळे,कु. वैष्णवी मंदेवाड़,कु. सुचिता इंगोले,कु. कल्याणी चंदेल,कु. आराधना थोरात,अवधूत गायकवाड,निखिल सोनकाबले |

भित्ति पत्रक सम्पादक मण्डल : कु.कोमल कागदेवाड़, कु.सलोनी खंदारे, कु.मानोरमा राठोड, कु.स्वरुपा सूर्यवंशी |

रील विजेता - कु.कोमल कागदेवाड़, कु.मानोरमा राठोड, कु. समृद्धि कलकर्णी |

फोटो कैप्चर विजेता -  कु. कल्याणी चंदेल, कु.कोमल कागदेवाड़, निखिल सोनकाबले |



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