मेरे भीतर शब्द कह रहे है ,
आप
को देखकर
कुछ
कागज पर लिख दो
नाजुक,
कोमल, लहलहाती, मोहक
...आज इन पौधो में
तुम्हे
खड़ा देख कर
कम्पित
हृदय मुझसे पूछ रहा है
जिसके
कारन मेरी धडकने बढ़ गई
जिसे
देख मैं उससे हारा
उसका
मुख है कितना प्यारा
प्रकृति
की गोद में
यह
कोनसा खुबसूरत फूल है खिल रहा ?
डॉ.सुनील जाधव, नांदेड
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