अतिथि वक्ता डॉ.सुनील जाधव, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ.जहिरोद्दीन पठाण, डॉ.अशोक जाधव |
कै.बाबासाहेब देशमुख कॉलेज, उमरी छात्र |
डॉ.सुनील जाधव |
उमरी:- कै. बाबासाहेब देशमुख गोरठेकर महाविद्यालय के हिंदी विभाग
द्वारा हिंदी दिवस समारोह बड़े ही हर्ष एवं उल्लास के वातावरण में संपन्न हुआ। इस वक्त मंच पर प्रमुख
अतिथि रूप में नांदेड़ के हिंदी विभाग यशवंत महाविद्यालय से पधारे प्रसिद्ध हिंदी
साहित्यकार डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव, अध्यक्ष उपप्राचार्य डॉ.एस.एस.जाधव, हिंदी
विभागाध्यक्ष डॉ.जहिरोद्दीन पठान, डॉ.आशोक जाधव उपस्थित थे |
सर्वप्रथम हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. ज़हीरूद्दीन
पठान जी
ने समारोह का प्रास्ताविक प्रस्तुत किया। तत्पश्चात बी. ए. तृतीय वर्ष के छात्र
शेख अंसार ने अतिथि परिचय कराया। इस अवसर पर डॉ. सुनील जाधव जी ने छात्रों को
सम्बोधित करते हुए कहा, “आज हम अपनी भाषा में रोजगार ढूंडने की बजाये विदेशी भाषा
में रोजगार के अवसरों को ढूंडना अधिक पसंद करते हैं | जिस भाषा में रोजगार को लेकर
अधिक प्रबोधन होता हैं | वही भाषा लोग अपनाने पर बल देते हैं | हमारा समाज आज
विदेशी भाषा से मिलने वाले रोजगार को तो जनता हैं किन्तु अपनी भाषा से मिलनेवाले रोजगारों
के अवसर को नहीं जानता | वह आनेवाली नई पीढ़ी को भी ज्ञात अवसरों के बारें में ही
जानकारी दे पाता हैं | इसीलिए आज अपनी भाषा से मिलनेवाले रोजगारों के अवसरों पर
पाठशाला, महाविद्यालय, समाज में प्रबोधन की आवश्यकता हैं |
प्रतिमा पूजन करते हुए उपप्राचार्य जाधव, डॉ.सुनील जाधव डॉ.पठाण. डॉ.अशोक जाधव |
प्रबोधन से ही छात्रों में अपनी भाषा के प्रति रूचि बढ़ेगी और उन्हें पता चलेगा कि पनी भाषा में भी रोगजार के अनेक अवसर हैं | इसके आलावा आपने छात्रों को हिंदी की वैश्विक स्थिति से अवगत कराते हुए विश्व में हिंदी के बोले जानेवाले लोकसंख्या के आधार पर हिंदी को दूसरे स्थान पर बताया | तो हिंदी के वैश्विक स्थिति के लिए फ़िल्म, रेडियो, टेलिव्हिजन, सभा-सम्मेलन, गोष्ठी आदि को कारण बताया | वहीं पर संविधान में लिखित रूप में हिंदी के राष्ट्रभाषा न होने पर चिंता जताई |
भित्ति पत्र का विमोचन |
अपने अध्यक्षीय मंतव्य में डॉ. एस. एस. जाधव सर
ने हिंदी और हमारी मातृभाषा मराठी की महिमा पर प्रकाश डाला। इस समारोह का संचलन डॉ. अशोक
जाधव जी ने किया और अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन बी. ए. तृतीय वर्ष की छात्रा
शेख गौसिया ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी अध्ययन
मंडल और हस्तपुस्तिका संपादन मंडल की स्थापना भी की गई। समारोह में बड़ी संख्या
में छात्र उपस्थित थे। कुल मिलाकर समारोह अत्यंत सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
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