तुलसीदास ने पारिवारिक, सामाजिक एवं मानवीय मूल्यों की स्थापना की -हिन्दी साहित्यकार डॉ. सुनील जाधव
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दिनांक- 12 अगस्त,2024 (सोमवार)
मुखेड–ग्रामीण (कला,
वाणिज्य एवं विज्ञान) महाविद्यालय,
वसंतनगर तालुका मुखेड़ में गोस्वामी तुलसीदास जयंती के अवसर पर हिंदी
विभाग द्वारा आयोजित ‘युग प्रवर्तक महाकवि
गोस्वामी तुलसीदास’ इस विषय पर प्रमुख वक्ता के रूप में आमंत्रित हिन्दी विभाग,
यशवंत महाविद्यालय, नांदेड़ में विगत 24 वर्षों से हिन्दी अध्यापक के रूप
में कार्यरत नांदेड़ के हिन्दी साहित्यकार डॉ. सुनील जाधव जी ने अपनी बात रखते हुए
कहा, “गोस्वामी तुलसीदास एक महान कवि, भक्त, संत थे। उन्होंने जीवन भर कई संकटों
का सामना किया। उनके गुरु नरहरिदास, शेष सनातनी बाबा और पत्नी रत्नावली ने उनके
जीवन में उचित परिवर्तन लाने के लिए काम किया। उन्होंने रामचरितमानस,
विनय पत्रिका,
हनुमान चालीसा जैसी कई किताबें लिखीं। उनके राम मर्यादा पुरुषोत्तम, एक पत्नीव्रता एवं
एक वचनी हैं | उन्होंने अपने साहित्य एवं
राम के चरित्र के माध्यम से पारिवारिक एवं सामाजिक आदर्श तथा मानवीय मूल्यों की
स्थापना की | भारतीय समाज में आज जो
संस्कार हैं, वह तुलसी सम्मत संस्कार हैं |उन्होंने समाज और धर्म में
सद्भाव लाने के लिए एक ईमानदार प्रयास किया। अपने लेखन और चरित्र के माध्यम से उस
समय के समाज में बदलाव लाया|”
अध्यक्षीय
समारोप करते समय महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. हरिदास राठोड जी ने कहा कि, “गोस्वामी
तुलसीदास को तत्कालीन शासकों से परेशानी का सामना करना पड़ा फिर भी उन्होंने हार
नहीं मानी | रामचरितमानस पुस्तक के माध्यम से भगवान रामचंद्र के चरित्र को दुनिया
के सामने लाने एक बड़ा काम किया। उनकी तरह, हमें भी अपने तरीके से काम करना जारी
रखना चाहिए|” तथा हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना की |
हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ.गुरुनाथ
कल्याण ने कार्यक्रम की भूमिका रखी तो संचालन प्रोफेसर डॉ. रामकृष्ण बदने किया
वहीं पर धन्यवाद ज्ञापन डॉ.व्यंकट चव्हाण दिया
| इस वक्त सभागार में पूर्व प्रधानाचार्य
डॉ. डीके केंद्रे,आईक्यूएसी
समन्वयक प्रो डॉ. बलिराम राठोड, नैक समन्वयक प्रो डॉ. उमाकांत पदमवार स्टाफ सचिव
प्रो डॉ. नागोराव पाखे, सह-कर्मचारी
सचिव प्रो अरुणा इटकापल्ले, सभी
प्रोफेसर और छात्र
बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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