10 फरवरी,25,
नांदेड़ के
शंकरराव चव्हाण स्मृति भवन में महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी पुरस्कार
प्राप्त हिन्दी साहित्यकार डॉ.सुनील जाधव के “बन्द शहर, बन्द दरवाजे’ नाटक का
विमोचन डॉ.विवेकमणि त्रिपाठी, चीन, अनुषा नीलमणि, श्रीलंका, डॉ. तनुजा बिहारी, मॉरिशस,
छत्तीसगढ़ के कवि डॉ.रेशमा अंसारी, आसाम के डॉ.नूरजहां के हाथों से विमोचन सम्पन्न
हुआ | साथ में डॉ.संदीप पाईकराव, डॉ.साईनाथ शाहू, डॉ.लक्ष्मण काले, डॉ.प्रतिभा
येरेकर, डॉ.प्रविन्दर कौर महाजन, डॉ.जहिरुद्दीन पठान, डॉ.रजिया शेख, डॉ.शहनाज |
उनका यह
नाटक कोरना काल की विभीषिका से संघर्ष करते परिवारों के साथ भाई-भाई के प्रेम,
पति-पत्नी के प्रेम, मनुष्य का पशुओं के साथ प्रेम आदि शाश्वत मूल्यों की रक्षा
करता हैं | इस वक्त डॉ. विवेक मणि ने कहा, नाटक को वर्तमान समय में शाश्वत मूल्यों की रक्षा करने
वाला बताया | तो वहीं अनुषा जी ने इसे मनुष्य की संवेदना को स्पर्श करनेवाला कहा |
तो तनुजा बिहारी जी ने अहिंदी भाषी प्रदेश से नाटक विधा में लिखे जाने को उपलब्धि
बताया |
इस वक्त
सभागार में कई विद्वान प्राध्यापक, कवि, छात्र भारी संख्या में उपस्थित थे | उनकी
इस नई किताब के लिए साहित्य जगत से उन्हें कई शुभकामना परक संदेश प्राप्त हो रहे
है |
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