मीडिया में करियर के लिए प्रशिक्षण और विधिवत ज्ञान आवश्यक – डॉ. संजय नाईनवाड
श्री शारदा भवन एज्युकेशन सोसाइटी संचालित यशवंत महाविद्यालय, नांदेड़ के हिंदी विभाग द्वारा प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत 'हिंदी सामग्री लेखन' ऐड-ऑन कोर्स में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य एवं स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विश्वविद्यालय, नांदेड़ के पूर्व प्र-कुलपति डॉ. गणेशचंद्र शिंदे के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस व्याख्यान के मुख्य अतिथि डॉ. संजय किशनराव नाईनवाड, सह-आचार्य, हिंदी विभाग, डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर थे। उन्होंने "मीडिया लेखन और आज का मीडिया" विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत रोजगारोन्मुख शिक्षा पर जोर दिया गया, जिसमें मीडिया एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभर रहा है। पारंपरिक शिक्षा के साथ मीडिया लेखन कौशल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। ऑनलाइन शिक्षा के बढ़ते प्रभाव और डिग्री प्राप्त करने की संभावनाओं का भी उल्लेख किया गया। मीडिया में करियर के लिए प्रशिक्षण और विधिवत ज्ञान आवश्यक बताया गया, साथ ही प्रमुख मीडिया शिक्षण संस्थानों जैसे बीएचयू, एसीजे चेन्नई, सिम्बायोसिस पुणे, आईआईएमसी दिल्ली और महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय वर्धा का उल्लेख किया गया। मीडिया क्षेत्र में संपादक, पत्रकार आदि के रूप में करियर के अवसरों को उजागर किया गया, जिनकी आय लाखों में हो सकती है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मीडिया की स्वतंत्रता को रेखांकित किया गया, लेकिन इसे नैतिकता और सत्यनिष्ठा से संचालित करने की आवश्यकता बताई गई। मीडिया कर्मियों को अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज उठाने की जिम्मेदारी निभाने की सलाह दी गई। प्रेमचंद के ‘सोजे वतन’ का उदाहरण देकर बताया गया कि लेखनी में बदलाव लाने की शक्ति होती है। ‘गोदी मीडिया’ की आलोचना करते हुए निष्पक्ष और समाजहित में कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। मीडिया को सत्ता पर निगरानी रखने और नीतियों को सही दिशा में ले जाने के लिए एक प्रभावशाली माध्यम बताया गया।कार्यक्रम का अध्यक्षीय समारोप करते हुए हिंदी विभाग प्रमुख प्रो. संदीप पाईकराव ने वक्ता के विचारों को सराहते हुए अपनी बात रखीं, जनसंचार माध्यम (Mass Communication) का अर्थ है सूचना, विचार और समाचार को बड़े पैमाने पर जनता तक पहुँचाने की प्रक्रिया। इसके मुख्य साधन प्रिंट मीडिया (अखबार, पत्रिकाएँ), इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (रेडियो, टेलीविजन), और डिजिटल मीडिया (सोशल मीडिया, वेबसाइट्स, ब्लॉग्स) हैं। ये माध्यम समाज में जागरूकता बढ़ाने, मनोरंजन देने, शिक्षा प्रदान करने और सरकार व जनता के बीच संवाद स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम की भूमिका एवं वक्ता का परिचय डॉ.साईनाथ शाहू ने प्रस्तुत किया और सूत्र संचालन डॉ.सुनील जाधव ने किया। अंत में,डॉ.विद्या सावते ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में प्राध्यापक एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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