डॉ. सुनील जाधव इंडोनेशिया में दो अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित ('अमर बेल और अन्य एकांकी' पुस्तक का भी हुआ लोकार्पण)
इस सम्मेलन में, यशवंत महाविद्यालय के हिंदी विभाग में पिछले 25 वर्षों से कार्यरत डॉ. सुनील गुलाबसिंग जाधव को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दो प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें उनकी बहुभाषी शोध पत्रिका 'शोध ऋतु' में पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए ट्रू मीडिया गौरव सम्मान-2025 और साहित्यिक योगदान के लिए डॉ. शरद पगारे स्मृति सम्मान से नवाजा गया।
पुरस्कारों का हुआ भव्य समारोह
ट्रू
मीडिया गौरव सम्मान-2025 उन्हें
बाली-इंडोनेशिया में आयोजित इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि, प्रतिष्ठित
समाजसेवी और गांधीवादी विचारक पद्मश्री अगुस इंद्र उदयन
और डॉ. शरद पगारे स्मृति सम्मान बाली के विधायक डॉ. सोमवीर द्वारा प्रदान किया गया। इसी समारोह में,
पद्मश्री अगुस इंद्र उदयन के कर कमलों से डॉ. जाधव द्वारा लिखित
पुस्तक 'अमर बेल और अन्य एकांकी' और उनकी शोध पत्रिका 'शोध ऋतु'
का भी लोकार्पण हुआ।
चार सत्रों में चलनेवाले सत्र में दूसरा सत्र रचना के केंद्र में विचारधारा या कला इस विषय पर संगोष्ठी सम्पन्न हुई | जिसमें डॉ जाधव को विशेष वक्ता (की नोट) के रूप में आमंत्रित किया गया था|
वहीं तीसरा सत्र अंतर्राष्ट्रीय बहु भाषी रचना पाठ में डॉ
जाधव ने अपनी स्व लिखित कविता सिंदूर को मराठी में अनुवादित कर प्रस्तुत किया |
इस
सम्मेलन में देश-विदेश से कई शिक्षाविद् और साहित्यकार उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से जय प्रकाश रथ, मुमताज, डॉ. प्रजापति, राजेंद्र राजन, डॉ.
जयवर्धन, हरी सुमन बिष्ट, डॉ. संदीप
पगारे, डॉ. जी.एस. रजवार, डॉ. गोविंद
सिंह रावत, डॉ. अभय कुमार और
डॉ. गौरीशंकर गुप्ता शामिल थे।
इस
भव्य आयोजन को लगभग 52 हजार
लोगों ने लाइव देखा। प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव श्री मंगेश धिल्डियाल ने भी
संदेश भेजकर सम्मेलन की सराहना की।
हिंदी ने साबित की वैश्विक पहचान
मुख्य अतिथि पद्मश्री अगुस इंद्र उदयन और विधायक डॉ. सोमवीर ने
अपने संबोधन में कहा कि यह सम्मेलन हिंदी भाषा और भारतीय संस्कृति की वैश्विक
पहचान को और सशक्त करता है। यह रजत पर्व न केवल हिंदी की वैश्विक यात्रा का साक्षी
बना, बल्कि
यह भी साबित किया कि हिंदी आज सीमाओं को पार कर विश्व बंधुत्व और सांस्कृतिक एकता
का एक मजबूत सेतु बन चुकी है।
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