मीडिया लेखन में भाषा की शुद्धता पर जोर:
डॉ. मुकुंद कवड़े
नांदेड़, महाराष्ट्र। मीडिया लेखन के लिए
भाषा की शुद्धता अत्यंत आवश्यक है, यह बात पीपल्स कॉलेज, नांदेड़
के हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. मुकुंद कवड़े ने कही। श्री शारदा भवन एजुकेशन
सोसाइटी द्वारा संचालित यशवंत महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित एक विशेष
व्याख्यान में उन्होंने यह महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए।
यह
व्याख्यान प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत चलाए जा रहे 'हिंदी सामग्री लेखन' ऐड-ऑन कोर्स का हिस्सा था। कार्यक्रम का आयोजन यशवंत महाविद्यालय के
प्राचार्य और स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय, नांदेड़ के पूर्व प्र-कुलपति डॉ. गणेशचंद्र शिंदे के मार्गदर्शन में किया
गया।
अपने
व्याख्यान में डॉ. कवड़े ने "मीडिया लेखन" की विभिन्न विधाओं और उसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि
मीडिया लेखन में सटीकता, सरलता
और प्रभावशाली भाषा का उपयोग करना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि आज के डिजिटल
युग में, जहाँ सूचनाओं की बाढ़ है, वहाँ
सही और शुद्ध भाषा में लिखी गई सामग्री ही पाठकों का विश्वास जीत सकती है।
उन्होंने छात्रों को इस बात पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी कि वे अपने लेखन में
व्याकरण की त्रुटियों से बचें।
कार्यक्रम
का अध्यक्षीय समापन डॉ. साईनाथ शाहू ने किया। उन्होंने विषय की प्रासंगिकता को
रेखांकित करते हुए डॉ. मुकुंद कवड़े द्वारा दिए गए विचारों की सराहना की। डॉ. शाहू
ने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए यह
व्याख्यान बेहद उपयोगी साबित होगा।
इस
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनील जाधव ने किया, जिन्होंने कार्यक्रम की भूमिका के साथ-साथ अतिथि
का परिचय भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. विद्या सावते ने सभी
अतिथियों और उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। इस सफल आयोजन ने हिंदी सामग्री
लेखन के महत्व को एक बार फिर से स्थापित किया।

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