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यशवंत महाविद्यालय में रोजगार पर विशेष व्याख्यान (हिंदी भारत की आत्मा और रोज़गार का महाद्वार – डॉ.खान)

 यशवंत महाविद्यालय में रोजगार पर विशेष व्याख्यान

(हिंदी भारत की आत्मा और रोज़गार का महाद्वार – डॉ.खान) 


नांदेड: श्री शारदा भवन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित यशवंत महाविद्यालय, नांदेड के हिंदी विभाग ने "हिंदी भाषा और रोज़गार के अवसर" विषय पर एक महत्वपूर्ण विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गणेशचंद्र शिंदे के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस विशेष आयोजन में, बीएमएस महिला महाविद्यालय, बेंगलुरु के हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. मो. रियाज खान मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। डॉ. खान ने अपने संबोधन में इस बात पर ज़ोर दिया कि हिंदी अब केवल साहित्यिक विषय नहीं रही, बल्कि यह अनेक पेशेवर अवसरों का माध्यम बन चुकी है।

डॉ. खान ने कहा कि, "भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं होती, वह समाज की आत्मा होती है। और हिंदी, भारत की आत्मा है।"  उन्होंने हिंदी के अध्ययन से जुड़ी निम्नलिखित व्यापक रोजगार संभावनाओं पर प्रकाश डाला, अनुवाद, पत्रकारिता और विज्ञापन, सरकारी क्षेत्र | उन्होंने विशेष रूप से बताया कि तकनीक और हिंदी का मेल अनिवार्य हो गया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर हिंदी सामग्री की बढ़ती माँग के कारण आईटी कंपनियों और स्टार्टअप्स में हिंदी विशेषज्ञों की आवश्यकता बढ़ी है। इसके अतिरिक्त, हिंदी की माँग भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बढ़ रही है, जिससे भाषाई प्रशिक्षण केंद्रों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में अवसर पैदा हो रहे हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए, यशवंत महाविद्यालय के हिंदी विभाग प्रमुख डॉ. संदीप पाईकराव ने साहित्य के गहरे महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि, "साहित्य मनुष्य को मनुष्य के रूप में स्थापित करता है... साहित्य ही वह साधन है जो मनुष्य की संवेदनाओं को जीवित रखता है।"

कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत करते हुए सफल संचालन डॉ. सुनील जाधव ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ. साईनाथ शाहू द्वारा किया गया। बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र और शोधार्थी इस प्रेरक व्याख्यान में उपस्थित रहे।

 



                                


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