विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी विभाग, यशवंत महाविद्यालय द्वारा विश्व हिंदी और हिंदी साहित्य इस विषय पर व्यख्यान का आयोजन किया गया था | यह व्याख्यान ज़ूम इस आभासी कक्ष में सम्पन्न हुआ | इस वक्त आभासी मंच पर तहसील अखाड़ा बालापुर से वक्ता-डॉ.रमेश कुरे, हिंदी विभागाध्यक्ष-डॉ.विजयसिंह ठाकुर, कार्यक्रम संयोजक डॉ.सुनील जाधव एवं डॉ.वर्ष मोरें उपस्थित थे |
व्याख्यान देते हुए कुरे जी ने कहा, जिस प्रकार से हिंदी प्रत्येक क्षेत्र में अपना विस्तार कर रही हैं, उसे देखते हुए ऐसा लगता हैं कि एक दिन हिंदी विश्व में पहले स्थान पर रहेगी | अमरीका जैसे देश में 100 से अधिक स्थानों पर हिंदी को पढ़ाया जाता हैं तो अबुधाबी में अदालत की तीसरी भाषा के रूप में उसे स्वीकार किया गया हैं | विश्व में हिंदी का स्थान बताते हुए हिंदी साहित्य का सारगर्भित ईतिहास को अभिव्यक्त किया | अंत में अध्यक्षीय समारोप डॉ.ठाकुर, तो आभार डॉ.वर्षा मोरे ने किया |
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