हिंदी साहित्य परिषद के उद्घाटन
के अवसर पर छात्रों को मार्गदर्शन करते हुए हु.बहिर्जी स्मारक महाविद्यालय, वसमत
से उद्घाटक एवं वक्ता के रूप में पधारे
प्रो.डॉ.सुभाष क्षीरसागर ने कहा, “हिंदी साहित्य और मानव का आपसी सम्बन्ध
हैं | साहित्य वास्तव में बहुजन हिताय और
बहुजन सुखाय का संदेश देता हैं | कहते हुए, हिंदी साहित्य के विभिन्न कालखंडो एवं
कबीर, बिहारी जैसे कवियों के काव्य पंक्ति द्वारा
साहित्य में व्यक्त मानवीय सम्बन्ध को समाज के लिए सकारात्मक बताया |” तो अध्यक्षीय समारोप में ठाकुर जी ने, वक्ता के आभार माने |
इस वक्त आभासी
मंच पर हिंदी विभाग प्रमुख डॉ.विजयसिंह ठाकुर, कार्यक्रम संयोजक डॉ.सुनील जाधव,
तथा डॉ.शोभा ढानकीकर, डॉ.ज्योति मुंगल उपस्थित थे | संचलन एवं संयोजन डॉ.सुनील
जाधव ने तो कार्यक्रम की भूमिका डॉ.ज्योति मुंगल ने व्यक्त की |अतिथि का परिचय
साहित्य परिषद के उपाध्यक्षा कु.अंजली जाधव किया तो आभार हि.सा.प.अध्यक्ष इम्रान खान ने किया | इस
वक्त हिंदी साहित्य परिषद के सदस्य आढाव सोपान, ठाकुर कीर्ति एवं महाविद्यालय के
छात्र उपस्थित थे |
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