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प्रतिष्ठित नौकरियों पर ग्रामीण छात्रों का भी अधिकार है- डॉ.सुनील जाधव (कला, वाणिज्य, विज्ञान महाविद्यालय, जिंतूर)

 

        हिंदी दिवस के उपलक्ष में आयोजित हिंदी दिवस समारोह एवं छात्र मंडल के उद्घाटन प्रसंग में डॉ. सुनील जाधव ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भाषा में रोजगार की अनंत अवसर है | हिंदी भाषा ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, व्यापार-व्यवसाय एवं नौकरी की भाषा है| अध्यापन, अनुवाद, लेखन ई-प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के साथ प्रतिष्ठित नौकरियां दिलाने वाली सरकारी नौकरियां भी हिंदी भाषा के माध्यम से मिल सकती है| ग्रामीण छात्र परिश्रमी होते हैं और ऐसी परीक्षा देकर वह सहजता से प्रतिष्ठित नौकरियां प्राप्त कर सकते हैं| उन्हें केवल हिंदी भाषा को मजबूत करना होगा |

कार्यक्रम का आयोजन ज्ञानोपासक शिक्षण मंडल संचालित कला, वाणिज्य, विज्ञान महाविद्यालय जिंतूर में हुआ| इस वक्त अतिथि के रूप में यशवंत महाविद्यालय, नांदेड़ के हिन्दी विभाग  में विगत चौबीस वर्षों से कार्यरत महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हिंदी साहित्यकार डॉ.सुनील जाधव प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित थे तो वहीं मंच पर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एस. जी. भोंबे, उप प्रधानाचार्य डॉ. श्याम गोरे तथा कनिष्ठ महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एम.एस.दाभाडे एवं डॉ.संतोष जाधव जी मंच पर उपस्थित थे |

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं कु.मंगल पुजारी के स्वागत गीत से हुई तो अतिथि का परिचय प्रा. श्रवण कांबले जी ने दिया| उपरांत कु.कोमल रावत, फैजान खान, कु. सारिका तरटे, काजी मदिहा तस्लीम द्वारा बनाए गए भित्ति पत्र का विमोचन अतिथि के हाथों संपन्न हुआ| क्रमशः आगे हिंदी साहित्य परिषद का उद्घाटन हुआ एवं अतिथि तथा प्रधानाचार्य के हाथों छात्रों का पुष्प देकर स्वागत किया गया|  विभाग की ओर से मुहावरे पर आधारित प्रतियोगिता ली गई| जिसमें प्रथम कु. मंगल पूजारे, वैष्णवी बर्डे  तो द्वितीय पुरस्कार स्वरूप कु.वैष्णवी मोरे और कु.कोमल रावत को उपहार देकर सम्मानित किया |

कार्यक्रम की भूमिका डॉ.संतोष जाधव जी ने प्रस्तुत की तो वहीं अध्यक्षीय समरोप करते हुए प्रधानाचार्य एस. जी. भोंबे ने वक्ता के रोजगार परक वक्तव्य को छात्रों के उपयोगी बताया |सूत्र संचालन प्रा.डॉ.डोंगरकर मनीषा ने किया तो आभार प्रा. श्री खिलारे प्रदीप ने व्यक्त किया |  प्रा.संजय जाधव, प्रा.अजय जोंधले  सभी के परिश्रम से कार्यक्रम सफल हुआ|




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