चीन ने स्वीकार की भारतीय नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रणाली- विवेकमणि त्रिपाठी, चीन
चीन के ज्योतिष, चिकित्सा, स्थापत्य कला, संगीत और भाषा पर भारतीय ज्ञान की
गहरी छाप है। चीनी नक्षत्र विज्ञान और आयुर्वेदिक चिकित्सा भारत से प्रेरित हैं। संस्कृत
के 37,000 से अधिक शब्द चीनी भाषा में समाहित हैं। बौद्ध
स्तूपों की स्थापत्य कला चीन के शहरों में आज भी दिखती है। योग (मन-शरीर एकता) को
वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है। चीन जैसे देशों में योग केंद्रों की बढ़ती
संख्या और लोकप्रियता इसका प्रमाण है। चीन में नैतिक शिक्षा अनिवार्य है, जबकि भारत में यह वैकल्पिक विषय बनी हुई है।
श्री
शारदा भवन एजुकेशन सोसाइटी संस्था संचालित यशवंत महाविद्यालय नांदेड के हिंदी
विभाग द्वारा 10
और 11 फरवरी 2025 को
शंकरराव चव्हाण स्मृति भवन, नांदेड़ में भारतीय ज्ञान प्रणाली
वैश्विक परिदृश्य इस विषय पर दो दिवसीय
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इस उपलक्ष में उन्हें बीज वक्ता के
रूप में आमंत्रित किया गया था। बीज भाषण के इस सत्र में वक्ता का परिचय करवाते हुए
सत्र का सूत्र संचालन विद्वत्ता पूर्ण ढंग
से डॉ. सुनील जाधव ने किया| वहीं सत्र का धन्यवाद ज्ञापन डॉ.वर्षा
मोर ने किया। इस वक्त संगोष्ठी के आयोजक
रूप में प्रधानाचार्य गणेशचन्द्र शिंदे, हिंदी विभाग प्रमुख
डॉ.संदीप पाईकराव, डॉ.साईनाथ शाहु तथा भरत के विभिन्न
प्रांतों से पधारे प्राध्यापक सभागार में उपस्थित थे|
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