भारतीय ज्ञान प्रणाली ने श्रीलंका की कला, संगीत, साहित्य और धर्म को प्रभावित किया है- प्रो.अनुषा नीलमणि, श्रीलंका
भारतीय ज्ञान प्रणाली ने श्रीलंका की कला, संगीत, साहित्य और धर्म को प्रभावित किया है- प्रो.अनुषा नीलमणि, श्रीलंका
श्रीलंका
में हिंदी शिक्षा का प्रसार है, और कई विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई
जाती है। श्रीलंका के लोग हिंदी फिल्मों और संस्कृति के माध्यम से हिंदी सीखते
हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा, जैसे योग, आयुर्वेद,
और ध्यान, ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है।
श्रीलंका में भी योग और आयुर्वेद का व्यापक प्रभाव है, और यह
स्वास्थ्य और जीवन शैली को प्रभावित करता है। भारतीय ज्ञान परंपरा आधुनिक विज्ञान
और तकनीक के साथ मिलकर आगे बढ़ रही है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारतीय
ग्रंथों और ज्ञान को दुनिया भर में पहुंचाया जा रहा है। भारतीय ज्ञान परंपरा का
भविष्य उज्ज्वल है, और यह मानवता को शांति, समृद्धि और संतुलित जीवन जीने का मार्ग दिखाएगी।
श्री
शारदा भवन एजुकेशन सोसाइटी संस्था संचालित यशवंत महाविद्यालय, नांदेड़
के हिंदी विभाग द्वारा 10 और 11 फरवरी,
2025 को शंकरराव चव्हाण स्मृति भवन, नांदेड़
में भारतीय ज्ञान प्रणाली वैश्विक
परिदृश्य इस विषय पर दो दिवसीय
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। इस उपलक्ष में उन्हें विशेष वक्ता
के रूप में आमंत्रित किया गया था। सत्र के अध्यक्ष रूप में चीन के कोंगतोंग विदेशी
भाषा विश्वविद्यालय डॉ. विवेकमणि त्रिपाठी विराजमान थे | विशेष
व्याख्यान के इस सत्र में वक्ता का परिचय करवाते हुए सत्र का सूत्र संचालन
विद्वत्ता पूर्ण ढंग से डॉ. सुनील जाधव ने किया| वहीं सत्र
का धन्यवाद ज्ञापन डॉ.परविंदर कौर महाजन ने
किया। इस वक्त संगोष्ठी के आयोजक रूप में प्रधानाचार्य गणेशचन्द्र शिंदे,
हिंदी विभाग प्रमुख डॉ.संदीप पाईकराव, डॉ.साईनाथ
शाहु तथा भरत के विभिन्न प्रांतों से पधारे प्राध्यापक सभागार में उपस्थित थे |
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