संदेश

अपनी भाषा दिल की भाषा होती है- डॉ.तपनकुमार मिश्रा (यशवंत महाविद्यालय में हिन्दी पखवाड़े का समापन)

श्री शारदा भवन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित हिंदी विभाग, यशवंत महाविद्यालय ,  नांदेड़  में पूर्व प्रति कुलपति तथा वर्तमान प्रधानाचार्य गणेशचंद्र शिंदे जी की प्रेरणा से  हिंदी दिवस के उपलक्ष में पखवाड़े का आयोजन किया गया था। जिसमें विभिन्न प्रतियोगिता ली गई | छात्रों ने विभिन्न विधाओं में अपनी प्रस्तुति दी। पखवाड़े का समापन हिन्दी दिवस समारोह तथा हिन्दी साहित्य परिषद के उद्घाटन से हुआ | इस समारोह में प्रमुख अतिथि एवं उद्घाटक के रूप में  प्रा.डॉ. तपन कुमार मिश्रा, सरस्वती विद्या मंदिर महाविद्यालय, किनवट को आमंत्रित किया गया था। अपना अतिथि एवं उदघाटकीय वक्तव्य देते हुए, भाषा की उत्पत्ति से आरंभ करते हुए, हिंदी भाषा को दिल की भाषा कहा | जो सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में पिरोती हैं | भाषा की विविधता मनुष्य को तोड़ती है और एक भाषा मनुष्य को जोड़ने का काम करती है का संदेश छात्रों के सम्मुख दिया और भारतीय ज्ञान परंपरा को हिंदी भाषा के माध्यम से छात्रों को अवगत भी कराया | तथा सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता ‘जब भी’ से  “भूख से लड़ने/कोई खड़ा हो जाता है/सुंदर दिखने लगता है|” से समापन किया | तो अ
नव साहित्यकार में अतिथि मेहमानों का स्वागत हैं | नव साहित्यकार में छपी सारी सामग्री का सर्वाधिकार सुरक्षित हैं | डॉ.सुनील जाधव ,नांदेड [महाराष्ट्र]|mobile-०९४०५३८४६७२ या इस मेल पर सम्पर्क करें -suniljadhavheronu10@gmail.com

हिन्दी दिवस पर कवि सम्मेलन

प्रतिष्ठित नौकरियों पर ग्रामीण छात्रों का भी अधिकार है- डॉ.सुनील जाधव (कला, वाणिज्य, विज्ञान महाविद्यालय, जिंतूर)

हिंदी में रोजगार के विविध अवसर है- डॉ.सुनील जाधव (देगलूर महाविद्यालय में हिंदी दिवस समारोह संपन्न

तुलसीदास ने पारिवारिक, सामाजिक एवं मानवीय मूल्यों की स्थापना की -हिन्दी साहित्यकार डॉ. सुनील जाधव

यशवंत महाविद्यालय में सत्रारंभ कार्यक्रम संपन्न

भारत को जानना हैं तो प्रेमचंद के साहित्य को पढ़े -हिन्दी साहित्यकार डॉ.सुनील जाधव

कजाकिस्तान अल्माटी में डॉ.सुनील जाधव को अंतरराष्ट्रीय सलेकचंद जैन स्मृति सम्मान-2024

डॉ. सुनील जाधव नेपाल के नोबल टैलेंट इंटरनेशनल अवार्ड 2024 से सम्मानित