श्री शारदा भवन एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित हिंदी विभाग, यशवंत महाविद्यालय , नांदेड़ में पूर्व प्रति कुलपति तथा वर्तमान प्रधानाचार्य गणेशचंद्र शिंदे जी की प्रेरणा से हिंदी दिवस के उपलक्ष में पखवाड़े का आयोजन किया गया था। जिसमें विभिन्न प्रतियोगिता ली गई | छात्रों ने विभिन्न विधाओं में अपनी प्रस्तुति दी। पखवाड़े का समापन हिन्दी दिवस समारोह तथा हिन्दी साहित्य परिषद के उद्घाटन से हुआ | इस समारोह में प्रमुख अतिथि एवं उद्घाटक के रूप में प्रा.डॉ. तपन कुमार मिश्रा, सरस्वती विद्या मंदिर महाविद्यालय, किनवट को आमंत्रित किया गया था। अपना अतिथि एवं उदघाटकीय वक्तव्य देते हुए, भाषा की उत्पत्ति से आरंभ करते हुए, हिंदी भाषा को दिल की भाषा कहा | जो सम्पूर्ण भारत को एक सूत्र में पिरोती हैं | भाषा की विविधता मनुष्य को तोड़ती है और एक भाषा मनुष्य को जोड़ने का काम करती है का संदेश छात्रों के सम्मुख दिया और भारतीय ज्ञान परंपरा को हिंदी भाषा के माध्यम से छात्रों को अवगत भी कराया | तथा सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता ‘जब भी’ से “भूख से लड़ने/कोई खड़ा हो जाता है/सुंदर दिखने लगता है|” से समापन किया | तो अ
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